क्या, “भाजपा” गोंदिया विधानसभा सीट से खोल पाएंगी अपना खाता..?? 

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2014 में भाजपा से विनोद अग्रवाल ने देखा था पराजय, 2019 में भाजपा छोड़कर निर्दलीय जीते..

गोंदिया। जावेद खान
देश में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा एक विशाल पार्टी बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारा देश विश्व गुरु बनने की राह पर है। 10 सालों में भाजपा का व्यापक रूप में विस्तार हुआ है। देश तरक्की कर रहा है। परंतु भारत वर्ष में महाराष्ट्र राज्य के अंतिम छोर के गोंदिया जिले में एक सीट ऐसी है, जहां भाजपा ने आजतक अपना वर्चस्व कायम नही कर पाई।
हम बात कर रहे है गोंदिया विधानसभा सीट की। यहां भाजपा मजबूती से गाँव-गाँव में खड़ी है। ग्राम पंचायतों से लेकर पंचायत समिति और जिला परिषद के सदस्य भी भाजपा के पास है, बावजूद भाजपा गोंदिया विधानसभा सीट आजतक नही जीत पाई।
गोंदिया विधानसभा ऐसी सीट है जहां दिग्गज भाजपा नेता व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की ससुराल है, छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह, शिक्षा, कानून मंत्री रहे ब्रजमोहन अग्रवाल की ससुराल है। भाजपा का इतना तगड़ा नेटवर्क होने के बाद भी भाजपा ने ये सीट कभी नहीं जीत पाई।
इस सीट पर कांग्रेस, शिवसेना और निर्दलीय ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने कई साल इस सीट पर सत्ता काबिज की। दो बार शिवसेना ने इस सीट से धनुष बाण ताना, यहां तक कि निर्दलीय भी विधायक बनने का गौरव प्राप्त कर चुके है पर भाजपा का कमल कभी नही खिला।
वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने भाजपा से चुनाव लड़ा था। उस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोंदिया में विशाल सभा को संबोधित किया था। फिर भी ये सीट कांग्रेस के खाते में रही और भाजपा चुनाव हार गई।
2014 में जिस गोपालदास अग्रवाल ने कांग्रेस से चुनाव जीतकर पुनः विधायक बनने का गौरव हासिल किया था, वही व्यक्ति 2019 के चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा से उम्मीदवार रहे और फिर भाजपा की हार हुई।
2014 का विधानसभा चुनाव भाजपा से लड़ने वाले विनोद अग्रवाल 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय जीत गए। और फिर भाजपा की हार हुई।
कहने का पूरा तातपर्य यही है कि, भाजपा की स्थिति मजबूत होते हुए भी, भाजपा ने किस्मत के खेल में ये सीट फिर गवांकर अपना खाता नही खोल पायी।
अब फिर कुछ माह में 2024 विधानसभा का चुनाव होने वाला है। इस सीट पर राजनीति फिर करवटें बदल रही है। चुनाव में महायुति से भाजपा, शिवसेना, एनसीपी लड़ने की जुगत लगा रही है वही महाविकास आघाडी से कांग्रेस- शिवसेना (यूबीटी) अपनी ताकत लगा रही है।
वर्तमान निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल भी चुनाव मैदान में होंगे। वर्तमान विधायक को टक्कर देना भी दोनों गठबंधन दलों के लिए एड़ी चोटी का जोर होगा।

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